2016 में हरिद्धार में अर्द्धकुंभ है जिसका बहुत से लोगो को इन्तजार है वैसे तो हरिद्धार में हर साल हर महीने कोई न कोई स्न्नान होते रहते है लेकिन हरिद्धार में पड़ने वाले कुम्भ और अर्द्धकुंभ का बहुत ही महत्व है देश विदेश से लोग हरिद्धार आते है और गंगा मइया के पावन जल में स्नान करके वो पुण्य पाते है जो शायद ही कही और मिले हरिद्धार में आकर बहुत से लोग दान भी देते है गरीबो को दान करना बहुत अच्छी बात है
इस जन्म में किये गये पूण्य कर्म ही हमारे अगले जन्म में काम आयेंगे कुछ कर्म ऐसे होते है जिनका फल हमे तुरंत नहीं मिलता इसलिए ऐसे कर्म फल ना देने तक हमारे जीवन खाते में जमा रहते है जेसे कि राजा दशरथ द्वारा श्रवण का वध होने पर उसके माता पिता ने अपने पुत्र विरह में मरते मरते राजा को श्राप दिया - तेरी म्रत्यु भी अपने पुत्र विरह में हो परन्तु राजा दशरथ को अपने इस कर्म का तत्काल फल मिलना मुस्किल ही नहीं अपितु असंभव था क्युकी रजा को कोई पुत्र ना था फलस्वरूप वह कर्म राजा के संचित कर्म में जमा हो गया फल समय आने पर राजा को चार पुत्र हुवे बड़े होने पर उनके विवाह हुवे तथा पुत्र श्रीराम जी के राज्यभिषेक का दिन भी निश्चित हो गया किन्तु इस शुभ घड़ी के आने से पहले ही राजा दशरथ को उनका संचित कर्म जो अब पक चूका था अपना फल देने को तेयार था अत श्रीराम जी को राज्यभिषेक के बदले चौदह वर्ष के लिए वनवास जाना पड़ा और उनके विरह में राजा को अपना शारीर त्यागना ही पड़ा इस तरह राजा दशरथ को अपने उन कर्मो का फल मिला जो उन्होंने किये थे
कर्म का सिधांत अटल है जो जेसा बोता है वह वेसा ही काटता है जो जैसा करता है वेसा ही फल पाता है इस जन्म में किये गये पुण्ये कर्म ही हमारा अगला जन्म तय करते है
बहुत से लोग ऐसे भी है जो कमाते तो बहुत है लेकिन दान नहीं कर पाते क्युकी उन्हें अपने काम से फुर्सत ही नहीं मिल पाती ऐसे लोगो के लिए ही मैने ऑनलाइन दान देने की सुविधा शुरू की थी जिसे आप यहाँ क्लिक करके देख सकते हो
आप चाहे तो आने वाले अर्द्धकुंभ के लिए भी ऑनलाइन रूपये भेज सकते हो आपके दिए गए दान से गंगा मइया को प्रसाद चढ़ा कर गरीबो को भोजन करवाया जाएगा और गंगे मइया का प्रसाद आपके घर पोस्ट किया जाएगा ताकि आपको घर बैठे बैठे ही हरिद्धार में बह रही गंगे मइया का प्रसाद मिल सके
आप चाहे तो निचे दिए गए पते पर भी एक लिफ़ाफ़े में अपने जरूरत के हिसाब से दान रख कर कोरियर या स्पीड पोस्ट कर सकते है
Mayank Bhardwaj
H.N.142 Gosai Gali
Bhimgoda, Haridwar
Uttarakhand Pin- 249401
Mo- 7060830844
अब आपको आने वाले अर्द्धकुंभ की स्नान की तारीखे बताता हु ताकि अगर आपका हरिद्धार आने का मन करे तो आप इन तारीखों के हिसाब से अपना प्लान बना सको
अर्द्ध कुम्भ के मुख्य स्नान और पर्व निन्म प्रकार है
पहला स्नान 14 जनवरी, बृहस्पतिवार, मकर संक्रांति
दूसरा स्नान 08 फरवरी, सोमवार, सोमवती अमावस्या
तीसरा स्नान 12 फरवरी, शुक्रवार, बसंत पंचमी
चौथा स्नान 22 फरवरी, सोमवार, माघ पूर्णिमा
पांचवा स्नान 7 मार्च, सोमवार, महा शिवरात्रि
छठा स्नान 7 अप्रैल, बृहस्पतिवार, चैत्र अमावस्या
सातवां स्नान 8 अप्रैल, शुक्रवार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
आठवां स्नान 14 अप्रैल, बृहस्पतिवार, मेघ सक्रांति
नौवा स्नान 15 अप्रैल, शुक्रवार, रामनवमी
दसवां स्नान 22 अप्रैल, शुक्रवार, चैत्र शुक्ल पूर्णिमा
इस जन्म में किये गये पूण्य कर्म ही हमारे अगले जन्म में काम आयेंगे कुछ कर्म ऐसे होते है जिनका फल हमे तुरंत नहीं मिलता इसलिए ऐसे कर्म फल ना देने तक हमारे जीवन खाते में जमा रहते है जेसे कि राजा दशरथ द्वारा श्रवण का वध होने पर उसके माता पिता ने अपने पुत्र विरह में मरते मरते राजा को श्राप दिया - तेरी म्रत्यु भी अपने पुत्र विरह में हो परन्तु राजा दशरथ को अपने इस कर्म का तत्काल फल मिलना मुस्किल ही नहीं अपितु असंभव था क्युकी रजा को कोई पुत्र ना था फलस्वरूप वह कर्म राजा के संचित कर्म में जमा हो गया फल समय आने पर राजा को चार पुत्र हुवे बड़े होने पर उनके विवाह हुवे तथा पुत्र श्रीराम जी के राज्यभिषेक का दिन भी निश्चित हो गया किन्तु इस शुभ घड़ी के आने से पहले ही राजा दशरथ को उनका संचित कर्म जो अब पक चूका था अपना फल देने को तेयार था अत श्रीराम जी को राज्यभिषेक के बदले चौदह वर्ष के लिए वनवास जाना पड़ा और उनके विरह में राजा को अपना शारीर त्यागना ही पड़ा इस तरह राजा दशरथ को अपने उन कर्मो का फल मिला जो उन्होंने किये थे
कर्म का सिधांत अटल है जो जेसा बोता है वह वेसा ही काटता है जो जैसा करता है वेसा ही फल पाता है इस जन्म में किये गये पुण्ये कर्म ही हमारा अगला जन्म तय करते है
बहुत से लोग ऐसे भी है जो कमाते तो बहुत है लेकिन दान नहीं कर पाते क्युकी उन्हें अपने काम से फुर्सत ही नहीं मिल पाती ऐसे लोगो के लिए ही मैने ऑनलाइन दान देने की सुविधा शुरू की थी जिसे आप यहाँ क्लिक करके देख सकते हो
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Mayank Bhardwaj
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Bhimgoda, Haridwar
Uttarakhand Pin- 249401
Mo- 7060830844
अब आपको आने वाले अर्द्धकुंभ की स्नान की तारीखे बताता हु ताकि अगर आपका हरिद्धार आने का मन करे तो आप इन तारीखों के हिसाब से अपना प्लान बना सको
अर्द्ध कुम्भ के मुख्य स्नान और पर्व निन्म प्रकार है
पहला स्नान 14 जनवरी, बृहस्पतिवार, मकर संक्रांति
दूसरा स्नान 08 फरवरी, सोमवार, सोमवती अमावस्या
तीसरा स्नान 12 फरवरी, शुक्रवार, बसंत पंचमी
चौथा स्नान 22 फरवरी, सोमवार, माघ पूर्णिमा
पांचवा स्नान 7 मार्च, सोमवार, महा शिवरात्रि
छठा स्नान 7 अप्रैल, बृहस्पतिवार, चैत्र अमावस्या
सातवां स्नान 8 अप्रैल, शुक्रवार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
आठवां स्नान 14 अप्रैल, बृहस्पतिवार, मेघ सक्रांति
नौवा स्नान 15 अप्रैल, शुक्रवार, रामनवमी
दसवां स्नान 22 अप्रैल, शुक्रवार, चैत्र शुक्ल पूर्णिमा
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